नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) की चंडीगढ़ राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक संपन्न
सोशल मीडिया पर निगरानी के कानून अपर्याप्त : ज्ञानचंद गुप्ता (हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष)
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा प्रेस को राष्ट्र निर्माण पर फोकस करने की सलाह के साथ शरू हुई नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिन की चंडीगढ़ बैठक सोशल हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के सोशल मीडिया के लिए निगरानी तंत्र की जरूरत को रेखांकित करने के सन्देश के साथ संपन्न होगई। बैठक में प्रेस परिषद के पुनर्गठन की प्रक्रिया में हुए परिवर्तन और पुनर्गठन के बाद इसका स्वरुप बदलने के दृष्टिगत इस प्रकरण को लेकर एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का फैसला लिया गया, तीसरे मीडिया आयोग के गठन और नए वेजबोर्ड के अविलंब गठन की मांग की गई।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए बंडारू दत्तात्रेय ने लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका की सराहना की और कहा कि लोकतंत्र की शोभा तभी है जब मीडिया स्वतंत्र और निष्पक्ष हो। उन्होंने पीत पत्रकारिता को छोड़कर को मीडिया राष्ट्र निर्माण पर फोकस करने की सलाह देते हुए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया सहित मीडिया के विभिन्न आयामों की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि विस्तारित मीडिया के आज के दौर में मुख्य धारा में मीडिया को आगे आना होगा और राष्ट्र निर्माण में फोकस करना होगा। पत्रकारों के सामने व्यापक चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पीत पत्रकारिता से बचते हुए सरकार की आलोचना भी हो और जनहितकारी योजनाओं की जानकारी तथा विश्लेषण भी।
उन्होंने कहा कि देश के 62 करोड़ लोग सोशल मीडिया से जुड़े हैं। सूचनाओं के तुरंत आदान-प्रदान में तथ्यों की प्रामाणिकता की चुनौती है। तथ्यों के साथ पत्रकारों को जनता और सरकार के बीच सेतु का काम करना है। उन्होंने माना कि पत्रकारों को धमकियां भी मिलती हैं, लेकिन सच्चाई सामने लाने वाला पत्रकार फ्रंटलाइन वर्कर होता है।
दूसरे दिन बैठक के समापन सत्र में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने मीडिया की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा की सोशल मीडिया की बढ़ती भूमिका के चलते इसकी निगरानी के लिए नियम बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने मीडिया की भूमिका और लोकतंत्र में मीडिया के महत्व की चर्चा करते हुए आगाह किया कि मीडिया आजादी के बाद से जिस तरह की भूमिका निभा रहा है उससे चिंता उत्पन्न होती है। सूचनाओं के आदान-प्रदान में सोशल मीडिया का उपयोग बहुत बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है, गलत जानकारी वाली सूचनाओं से समाज और देश का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के नियमन के लिए वर्तमान कानून अपर्याप्त हैं और इन्हें ज्यादा प्रभावी बनाए जाने की जरूरत है। राष्ट्र निर्माण में पत्रकारों की महती भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि निष्पक्षता और पारदर्शिता से विश्वास बनता है और यही विश्वास हमें दूर तक ले जाता है। उन्होंने कहा कि जब विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका के साथ मीडिया मजबूत होगा तभी लोकतंत्र मजबूत होगा। देशभर से आये पत्रकारों को संबोधित करते हुए ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा, 'समाज और देश निर्माण के लिए बिना किसी पूर्वाग्रह और धारणा बनाए हमें आगे आना होगा।
चंडीगढ़ स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च में हुई दो दिवसीय बैठक में देशभर में संगठन की संबद्ध इकाइयों के पदाधिकारियों और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों समेत 80 से अधिक पत्रकार शामिल हुए। बैठक में प्रेस काउंसिल, वेतन बोर्ड, पत्रकार सुरक्षा कानून, श्रम कानूनों आदि अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
एन यू जे (इंडिया) के अध्यक्ष मनोज मिश्र ने संगठन तथा बदलते मीडिया परिदृश्य की विस्तार से चर्चा की। महासचिव सुरेश शर्मा ने एन यू जे-आई के गौरवशाली इतिहास तथा पत्रकारों के लिए किए जा रहे प्रयासों के संदर्भ में जानकारी देते हुए बैठक में पारित होने वाले प्रस्ताव सहित अन्य संरचनाओं की जानकारी दी। मनोज मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि पत्रकारिता में वामपंथी विचारों के संगठनों का बोलबाला होने से एक वैचारिक कमी उभर कर सामने आई थी। इसलिए गैर वामपंथी पत्रकारों ने नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) की स्थापना की। आज यह देश का सबसे बड़ा संगठन बनकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में विश्वास का क्षरण दूसरी बड़ी समस्या है जिसके निदान के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में विस्तृत चर्चा की।
एन यू जे-आई महासचिव सुरेश शर्मा ने संगठन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। 1972 में इसके गठन के बाद से चली गतिविधियों और पत्रकारों के हित में किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए सुरेश शर्मा ने कहा कि आज यह संगठन देश का सबसे बड़ा और पत्रकारों के हित में सोचने वाला महत्वपूर्ण संगठन है। मूर्धन्य पत्रकारों ने इसका नेतृत्व करके जिस प्रकार की दिशा दी वह आज भी हमारा मार्गदर्शन करती है। सुरेश शर्मा ने दो दिन किस प्रकार से प्रस्ताव पारित करके आने वाले समय में संगठन काम करेगा इसका ब्यौरा भी प्रस्तुत किया।
दो दिन चली इस राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में अनेकों महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। देश में पत्रकारिता की दिशा और दशा पर लंबे समय मंथन हुआ और देश भर से आए पत्रकारों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए। बैठक में सर्वसम्मति से पारित एक प्रस्ताव में पत्रकारों के सामने आसन समस्याओं का विस्तार से विवरण दिया गया और उनके समाधान के बिंदुओं को रखा गया। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के गठन को एन यू जे-आई ने पीसीआई विधान के विपरीत मानते हुए इसके नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की और ऐलान किया कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो एन यू जे-आई राष्ट्रीय स्तर पर एक दिवसीय धरना देगी। उसी दिन सभी राज्य इकाइयां अपने-अपने यहां धरना देकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रेषित करेंगे। बैठक में यह भी तय किया गया कि वर्तमान परिषद देश के जिस भी राज्य में अपने कार्य के निमित्त जाएगी एन यू जे-आई की राज्य इकाई परिषद चेयरमैन को ज्ञापन सौंपकर अपना विरोध दर्ज कराएगी। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के गठन के तौर-तरीकों को देश की संसद के सभी सदस्यों को पत्र लिखकर अवगत कराया जाएगा।
पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं और मांगों को लेकर भी कई प्रस्ताव पारित किए गए जिन्हें संबंधित विभागों को भेजा जाएगा। आयुष्मान योजना में पत्रकारों को शामिल किए जाने की मांग, रेलवे के सामान्य परिचालन की स्थिति में पत्रकारों को मिल रही सुविधाओं की बहाली सहित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर राष्ट्रीय कार्यसमिति ने प्रस्ताव पारित किए। बैठक में एनयूजे आई के सभी उपाध्यक्ष सर्वश्री जितेंद्र अवस्थी, त्रियुग नारायण तिवारी, एन नागेश्वर राव, सुरेश पारीक और प्रशांत कुमार पाधी, कोषाध्यक्ष उमेश चतुर्वेदी, सचिव श्रीमती आभा निगम सर्व श्री संजय कुमार पांडे, सुनील दत्त पांडे और सोमनाथ शर्मा, पूर्व अध्यक्ष उप्पाला लक्ष्मण और अशोक मलिक सहित राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य गण तथा 14 राज्य इकाइयों के अध्यक्ष व महामंत्री तथा अन्य आमंत्रित सदस्य शामिल हुए।